I want to do something for India, My Country. This is a small tribute to my Nation, to its Unity, to its Unity in Diversity...Jai Hind
न हार है न जीत है ।
झगडे सारे है म्रुगजल
सत्य केवल प्रीत है ।।
एक ही रंग से बनता ईंद्रधनुष
पर दिखते रंग अनेक है ।
मन की आँखों से देख जरा
हर रंग में छिपा श्वेत है ।।
हरे रंग से होती हरियाली
लाल रंग की मिठी बोली ।
भेदभाव सब छोड मुसाफिर
आ होकर एक, खेले जीवन की होली ।।
The poem only reflects my intent to see unity among-st all of us. In no way I would like to say that we should not follow any religion or caste. It is an individual's prerogative. Whatever we follow lets resolve to respect everyone. Lest we do that, we cannot dream of a Beautiful India, One India...
Jai Hind
Amit
जाती धर्म को अपनाकर
खुद से कितना दूर गया है ।
धर्म के नाम पे लडते लडते
सुख से इतना दूर हुआ है ।।
जीवन के इस खेल में खुद से कितना दूर गया है ।
धर्म के नाम पे लडते लडते
सुख से इतना दूर हुआ है ।।
न हार है न जीत है ।
झगडे सारे है म्रुगजल
सत्य केवल प्रीत है ।।
एक ही रंग से बनता ईंद्रधनुष
पर दिखते रंग अनेक है ।
मन की आँखों से देख जरा
हर रंग में छिपा श्वेत है ।।
हरे रंग से होती हरियाली
लाल रंग की मिठी बोली ।
भेदभाव सब छोड मुसाफिर
आ होकर एक, खेले जीवन की होली ।।
The poem only reflects my intent to see unity among-st all of us. In no way I would like to say that we should not follow any religion or caste. It is an individual's prerogative. Whatever we follow lets resolve to respect everyone. Lest we do that, we cannot dream of a Beautiful India, One India...
Jai Hind
Amit